Monday, January 27, 2014

नेपाल माए


कानि रहल अछि नेपाल माए ।
माँगि रहल अछि संविधान ।।

कुहिक रहल अछि माएक आत्मा
जखन अपने पुत्र बिगारैत अछि
स्वरुपक सपना

सुपुत्रक बलिदानी
कुपुत्रक ई निशानी
सत्ता—भत्ता आ कुर्सी
लुटपाट आ हत्या
झुठ फरोस भाषणबाजी
कचोटी रहल अछि माएक हृदय
आ, धिकारि रहल अछि
जे संविधान के नाम पर
विकासक नाम पर
परिवर्तनक नाम पर
हत्या हिंसा मच्चा रहल अछि ।
महगाई के आकाशमे छुआ रहल अछि
भुख तन्त्र आ बेरोजगारी
नेपाल माए के कना रहल अछि ....२

भोकसी पारि कहैत अछि माए
पुत्र हमर कुपुुत्र भऽ जाएत
सुपुत्र के बलिदानी नहि देती
एक तन्त्रके अन्त्य हएत
सैकडौं कुतन्त्र जन्म लेत

हम एहन पुत्र के जन्म नहि देती....२

कानि रहल अछि नेपाल माए
माँग रहल अछि संविधान ।।

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