Saturday, January 25, 2014

आस्थासँग जोडल जनकपुरक पोखरी आ हमर दायित्व

कैलास दास
‘जागे से पाबे, सोए से खोए’ सोह्र अना सत्य अछि । आई धर्म संस्कृति आ एकर संरक्षणप्रति सोतल अवस्थामे भेलाक कारण जाहि रुपसँ एकरा सभके धार्मिक सांस्कृतिक उजागर होएबाक चाही नहि भऽ सकल अछि । ओना धर्मपरायणता हमर संस्कृतिके विशिष्टता अछि, तेँए   धर्मपरायणता हमर संस्कृति अमर अछि । एहिसँ कोनो व्यक्ति, समाज वा राजनीति अनभिज्ञ नहि अछि ।

हम चर्चा करए चाहब जनकपुरक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पोखरी सभके, जे नेपालमे मात्र नहि जहाँ जहाँ हिन्दु सभ रहैत छथि ओहि प्रत्येक स्थानक लेल प्रसिद्ध अछि । ओहुँना एकटा ऋषि कहने छथि जनकपुर मे ‘बावन कुट्टी बहत्तर कुण्ड झुण्ड ही झुण्ड’ अर्थाते  जनकपुर मठ मन्दिर आ पोखरिसभक धार्मिक आस्थासँ जोडल झुण्डे झुण्ड अछि । मुदा अखुनका जे अवस्था अछि पोखरि सभके ई ककरोसँ छुपल नहि अछि । कतहुँ अतिक्रमणमे पडल अछि त कहतहुँ ओहि स्थानधरि जाएबाक बाटघाट समेत बन्द भऽ चुकल अछि । एहिप्रति किनकरो ध्यान नहि अछि सेहो बात नहि छैक मुदा बिलाई के गर्दन मे घण्टी के बान्हत । कहबाक अर्थ अछि जे अतिक्रमण करएवाला बिलाई बनल अछि तऽ एहतके सम्बन्धित निकायसँ लऽकऽ राज्यपक्ष किछु लोभलालचमे मुसा अछि ।

चारि धाम मध्ये जनकपुर एकटा महत्वपूर्ण धाम अछि । आ धार्मिक महत्व होइत अछि ओतह के मठ मन्दिर, पोखरि, शिष्टता, धार्मिक वातावरण पर । ओकरा सभके संरक्षण करबाक दायित्व स्थानीय आ राज्यपक्ष के सेहो होइत अछि ।  एकरा सभके समुचित सम्भार आ संरक्षण वर्तमान अवस्था अनुसार आवश्यक अछि ।
जनकपुरक पोखरि सभके दायनीय हालतक कारण अछि  वैधानिक स्वामित्व पाबएवाला व्यक्ति वा संस्था पोखरीसँ फाइदाक हिसाब किताबधरि मात्र ध्यान दैत अछि । मुदा एकरा कोना उपर्युक्त संरक्षण आ मर्मत सम्भार कएल जाए ताहि तरफ कोनो ध्यान नहि अछि । एतहधरि की व्यक्तिगत फाइदा होबएधरि ओकर इतिहास मेटाबएधरि काज करैत अछि । एह कारण छैक जे दिनप्रतिदिन पोखरीसभके अवस्था बिगडल जा रहल छैक ।
किछु पोखरीसभ द्वैध स्वामित्वक समस्यासँ ग्रस्ति अछि । ई समस्याक कारण पोखरिसभक संरक्षणमे बहुत किसिमक अवरोध खडा भेल अछि । गुठी तथा मठ मन्दिर आ स्थानीय सरकारबीच ऐहन द्वन्द उत्पन्न देखलाक कारण एकर संरक्षण नहि भऽ पाबि रहल अछि । आ पोखरिसभ अवस्था बिगडैत जा रहल अछि । कतहुँ कतहुँ स्थानीय सरकार आ वास्तविक पोखरी धनी तथा प्रयोगकर्ता बीच विवादक कारण पोखरि सभक समुचित संरक्षणमे बाधा पुगलाक कारण पोखरी सभ जीर्ण भऽ धार्मिक आस्थाक नगरि जनकपुरके समेत कुरुप आ अस्वस्थ्य बना रहल अछि ।
अतिक्रमणक कारण
जनकपुरक सार्वजनिक पोखरी सभक सीमाकंन आ स्वामित्व हस्तान्तरण सम्बन्धी कमजोर व्यवस्था भेलाक कारण एतहके अधिकांश पोखरी सभ अतिक्रमण के शिकार भेल अछि । ओना देखल जाए तऽ अधिकांश पोखरिसभ पर अपने आप बडका आ स्वभिमानी कहाबएवाला जे सम्बन्धित निकायसँ जुडल व्यक्ति अछि ओएह कब्जा जमौने अछि ।
जनकपुरक पोखरिक सभक डिलक चारे तरफ ऐना नहि घर निर्माण कऽ घेरने अछि जे पतो नहि चलैत अछि कि यतह पोखरिओ होतए । किछु दिन पहिने लक्ष्मण अखाडा लग रहल पोखरिक अतिक्रमणक विरोध मे तरुण दलक नेता प्रफुल घिमिरे आवाज उठौने छल । मुदा ओहो आवाज कतह गुम भऽ गेल पता नहि । एहिसँ स्पष्ट देखल जा रहल अछि जे आवाज उठाबएवालासँ बेसी शक्तिशाली अतिक्रमण करएवाला सभ अछि । जकरा समाने कानून आ प्रशासन सेहो छोट बनल अछि ।

एक सौसँ अधिक पोखरि जनकपुर मे अछि आ सभ धार्मिक नामसँ जुडल अछि । मुदा आँगुर पर गिनएवाला बाहेक आओर पोखरिके नामो निशान नहि अछि । ओना पोखरि अतिक्रमण व्यक्ति विशेष मात्र नहि किछु संघ संस्था सेहो अतिक्रमण कऽ रखने अछि । जाहिकेँ कारण दोसर दोसर व्यक्तिसभके सेहो होसाल मात्र नहि दम पुगिरहल अछि । कोनो नहि कोनो रुपसँ पोखरिक डील पर अखनधरि निर्माण कार्य भऽ रहल अछि आ सम्बन्धित निकाय चुप बैसल अछि । एहिसँ आबएवाला भविष्य अन्धकारमय रहत पुष्टि कऽ रहल अछि ।
एकर प्रभाव
जनकपुरक पोखरि सभक जग्गाक दुरुपयोग भेलाक कारण एतह के वातावरण समेत दूषित देखल जा रहल अछि । नालाक निकास, सडकक जीर्ण अवस्था, जनकपुर भीतर सार्वजनिक शौचालयक अभावक कारण किछु व्यक्तिसभ पोखरिक डिल पर दिशा पेशाब करए बाध्य अछि । एतहधरि की किछु नाला सभक मुहान सेहो पोखरिमे राखने अछि । नगरपालिकाक गाडी सभसे एहने सार्वजनिक जग्गाहमे गन्दगीसभ फेक रहल अछि । जाहिकऽ कारण जनकपुरक वातावरण पूर्णरुपसँ दूषित भऽ रहल अछि । आई जनकपुर गन्दगी आ मच्छरक राजधानीक नामसँ प्रसिद्ध  अछि । एहन कोनो सार्वजनिक जगह नहि अछि जतह गन्दा नहि राखल जाइत होए वा अतिक्रमणमे पडल नहि होए ।
हमर दायित्व
नगरमे भौतिक पूर्वाधारसभक आवश्यकता अछि । नालाक निकास आ गन्दा व्यवस्थापन कोना कएल जाए ताहि पर विशेष ध्यान देएबाक जरुरत अछि । जग्गह जग्गह पर सार्वजनिक शौचालय बनाबए पडत । जनतामे जनचेतना कोना आएत तहिपर विशेष अभियान चलाएबाक आवश्यकता अछि । नगरपालिका उपर मात्र निर्भर नहि भऽ अपन दायित्व के सेहो बुझए पडत । धार्मिक ऐतिहासिक धरोहर के धरासायी होबएसँ बचाबए पडत । सामाजिक, साँस्कृतिक आ ऐतिहासिक गरिमायके संरक्षण कोना हएत तहि दिश विशेष ध्यान देबक आवश्यकता अछि । तखने जनकपुर एकटा सुन्दर आ स्वस्थ्य जनकपुर बनि सकत ।
ओना भारतक सहयोगमे जनकपुर वृहत्तर क्षेत्र विकास परिषद् कछु पोखरि आ मठ मन्दिर सभक संरक्षण आ सौन्दर्यीकरण के काज कएलक अछि जे वास्तविकमे बढिया मात्र नहि जनकपुरक लेल एकटा नव जनचेतना सेहो कहल जा सकैत अछि । मुदा एतबे सँ जनकपुरक गरिमाय नहि बढत एकरा लेल अतिक्रमण मे पडल सभके कानुनी दायरा अनुसार सेहो काज आगा बढाबए पडत । आ एकर दायित्व यतह रहएवाला प्रत्येक नागरिक जाधरि नहि बुझत ताधरि जनकपुरक विकास सम्भव नहि अछि । प्रथम चरणमे जनकपुरक पोखरिके संरक्षण तकरबादे मठ मन्दिर आ अन्य सभक काज आगा बढाबी अपन अपन दायित्व बोध करबाक आवश्यकता अछि । एकरा लेल पहिले भौतिक पूर्वाधार बनाबए पडत ।

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