कैलास दास
वर्तमान अवस्थामे किछ मधेशवादी दलसभक रबैया देख क मधेशी जनता दूविधामे पड़ल अछि ‘खुशी मनाबी कि मातम’ । जाहि अडानक कारणे मधेशमे दर्जनो जनता शहादत द देलनि हुनकासभक लेल आइ दीया बारि क ‘दीयाबाती’ मनाबी कि विजली पोलक बलसब फोडि़ क ‘ब्ल्याक आउट’ करी । जाहि सड़कपर युवासबके उपर शासक वर्ग गोली चलबौने रहए ओहि सड़कके साफ करी कि फेरसँ टायर बारि क धूवाँ(धुक्कुर करी ।
मधेशवादी किछ दल जाहि संविधानक मस्यौदा लाबएसँ संविधान जारी हुअधरि विरोध मात्र नइँ कएलक अपितु मधेशी जनता शहाद सेहो देलनि आइ ओही संविधानक धारा स्वीकार क चुनावी प्रक्रियामे गेल अछि । ओतबे नइँ एक तरफ संगठित होएबाक बढि़याँ संकेत देलक अछि त दोसर दिश विभाजन भ कमजोर होएबाक दुःखद समाचार सेहो । ओहूसँ बेसी पैघ बात ई अछि जे मधेशवादी दलसबके प्रमुख माङ छल स्थानीय तहक निर्वाचनसँ पहिने संविधान संशोधन । संविधान संशोधन नइँ भेल त निर्वाचन बहिष्कार मात्र नइँ आन्दोलन करबाक चेतावनी सेहो देने छल ।
मधेश आन्दोलनमे सबसँ महत्वपूर्ण भूमिका खेलएबला संघीय समाजवादी फोरम नेपाल, जेना विगत सालमे भूकम्प आएल आ क्षणमे स्वाहा क देलक तहिना ओ मधेशी जनताक भावना विपरित निर्वाचनमे भाग ल मधेश मुद्दाके धोन्हराह करबाक सम्भावना बढ़ा देलक अछि । दोसर दिश मधेशवादी ६ दल एकीकृत भ राष्टूीय जनता पार्टी नेपाल नामाकरण क क बढि़याँ संकेत देबएमे सफल त भेल मुदा, जाहि सरकारके संविधान संशोधन कराबएमे असक्षम कहि सरकारसँ समर्थन फिर्ता लेने छल ओहि सरकारके संविधान संशोधन हएत ताहि आशमे फेर समर्थन कएलक अछि कारण जेराप्रपा सरकारसँ समर्थन फिर्ता लेबाक घोषणा बिच्चहिमे क देलक । आब संविधान संशोधन हएत कि नइँ सेहो शंका करबाक पर्याप्त जगह अछि अतीतके देखैत ।
किछुए दिन पहिने नेपाली काँग्रेस, एमाले, माओवादी निर्वाचनक तैयारीके बात करैत छल त ओकर कार्यक्रमके भाँडबाक काम फोरम सेहो कएने रहए मुदा, आइ कोन एहन चमत्कार भ गेलैक जे निर्वाचनमे सहभागी होएबाक बाध्यता बुझएलैक । जहाँधरि सत्तापक्षद्वारा माङ सम्बोधनके अश्वासनक बात अछि ई कोनो नव बात नइँ आ एहिमे धोखा नइँ भेटल हुअए से कहबाक जरुरतो नइँ अछि । तहन कारण की अछि ? सत्ता स्वार्थ की बहरियाक दबाब ?
मधेशवादी दलपर उठल प्रश्न गम्भीर त अछिए संगहि आबएबला दिन चुनौतीपूर्ण सेहो अछि । अगर निर्वाचनसँ पहिने जे अडान ल क आन्दोलनमे मधेशवादी दलसब लागल छल पूरा भ गेलनि त जयजयकार हएबे करत मुदा, असफल रहल त जाहि तरहें नेपाली काँग्रेस, एमाले आ माओवादीके मधेशक जिलासँ पत्ता साफ होएबाक सम्भावना छल ओ फेरसँ जगजियार हएत ।
ओहूसँ पैघ बात अछि आबएबला दिनमे मधेशवादी दल कोन मुद्दा ल क मधेशी जनता आगा खाड़ होएत । राजनीतिक मूल धार की रहत ? ई स्वाभाविक अछि जे मधेश मुद्दाके आब कोइ दबा नइँ सकैत अछि । मुदा प्रश्न ई अछि जे एहि मुद्दाके ल क कोनो नव शक्ति आएत कि मधेशवादीए दल कोनो रणनीति अपनाएत ।
मधेशक बहुतो जिलाके ग्रामीण क्षेत्रमे मधेशवादी दलके संगठन विस्तार जाहि तरहें करबाक चाही से नइँ क सकल अछि । एहनमे सरकारी दलसभ प्रति आमजनमे रहल वितृष्णाक लाभ मधेशवादी दलके भेटबे करतै तकर सम्भावना क्षिण भ जाइछ ।
आब निर्वाचन दू चरणमे होएत ई निश्चित भ चूकल छैक । किए त पहिल चरणक निर्वाचन जे बैशाख ३१ गते होएत, ओकरा लेल उम्मेदवारी दर्ता भ चूकल । दोसर चरणके निर्वाचन जेठ ३१ गते हएत से घोषणा सरकार क चूकल अछि । दोसर चरणक निर्वाचनमे मधेश केन्द्रित जिलासब पडैÞत अछि । ताहि हेतु एखनो संविधान संशोधनके सम्भावना अछि । मुदा संविधान संशोधन होएत विश्वासक आधार कतहु नहि देखबामे आबि रहल अछि । एमाले अखनो संविधान संशोधनके विपक्षमे अछि से ओकर वक्ततव्यसभसँ बुझाइत अछि । माओवादी सरकारक मुख्य लक्ष्य छल स्थानीय निर्वाचन कराबी, ओहूमे ओ सफलताक बहुत लग करीब(करीब पहुँच चूकल अछि जँ दुनू चरणक निर्वाचन सफल भ जाए ।
मधेशी जनता एखनो मधेशवादी दलपर भरोसा रखने अछि ।तँए बुझाइत अछि जे बिना संविधान संशोधनके निर्वाचनक सम्भावना न्यून अछि । संविधान संशोधन बिना निर्वाचन भेल त मधेशवादी दल दलदलमे फँसि जाएत आ मधेशक मुद्दा फेर जहिनाके तहिना । मधेशवादी दल शंकाक घेरामेअहू दुआरे अछि जे मधेशवादी दलक संगहि सहकार्य मात्र नइँ अगुवाइ करबला फोरम निर्वाचनमे सहभागी भ चूकल अछि । आब देखबाक ई अछि जे मधेशवादी दलसभ मिल क बनल राजपा नेपाल कि करैत अछि !
शान्ति आ विकास, भ्रष्टाचार अन्त आ जनप्रतिनिधिधरि जनताक सहज पहुँचक लेल निर्वाचन आश्यक छैक । मुदा ओहिसँ पहिने जनता जे मौलिक अधिकारसँ वञ्चित कएल गेल अछि तकर सम्बोधन संविधानमे आवश्यक अछि । निर्वाचन पश्चात् विकास आ शान्ति, सुरक्षा आ रोजगारी, राजनीतिक द्वन्द्वके अन्त आ अन्तर्राष्टूीय सम्बन्धमे सुधार आनब सेहो आवश्यक अछि । नेपालक संविधान २०७२ के घोषणाक बाद द्वन्द्व समाप्त होएबाक बदला बढि़ए गेल अछि जेकर परिणाम अछि जे आइयो मधेश आन्दोलित अछि ।
अखन प्रधानन्यायाधीश सुशिला कार्की उपर महाभियोग, गृहमन्त्री के राजिनामा, मधेशवादी दलद्वारा सरकारके समर्थन आ फोरमके निर्वाचनमे सहभागी होएब, राष्टिूय प्रजातन्त्र पार्टी आ एमालेके बीच चुनावी गठबन्धन होएब आश्चर्यक बात अछि । आखिर एतएके राजनेतासब देशके कत धकेल रहल अछि ।
वर्तमान अवस्थामे किछ मधेशवादी दलसभक रबैया देख क मधेशी जनता दूविधामे पड़ल अछि ‘खुशी मनाबी कि मातम’ । जाहि अडानक कारणे मधेशमे दर्जनो जनता शहादत द देलनि हुनकासभक लेल आइ दीया बारि क ‘दीयाबाती’ मनाबी कि विजली पोलक बलसब फोडि़ क ‘ब्ल्याक आउट’ करी । जाहि सड़कपर युवासबके उपर शासक वर्ग गोली चलबौने रहए ओहि सड़कके साफ करी कि फेरसँ टायर बारि क धूवाँ(धुक्कुर करी ।
मधेशवादी किछ दल जाहि संविधानक मस्यौदा लाबएसँ संविधान जारी हुअधरि विरोध मात्र नइँ कएलक अपितु मधेशी जनता शहाद सेहो देलनि आइ ओही संविधानक धारा स्वीकार क चुनावी प्रक्रियामे गेल अछि । ओतबे नइँ एक तरफ संगठित होएबाक बढि़याँ संकेत देलक अछि त दोसर दिश विभाजन भ कमजोर होएबाक दुःखद समाचार सेहो । ओहूसँ बेसी पैघ बात ई अछि जे मधेशवादी दलसबके प्रमुख माङ छल स्थानीय तहक निर्वाचनसँ पहिने संविधान संशोधन । संविधान संशोधन नइँ भेल त निर्वाचन बहिष्कार मात्र नइँ आन्दोलन करबाक चेतावनी सेहो देने छल ।
मधेश आन्दोलनमे सबसँ महत्वपूर्ण भूमिका खेलएबला संघीय समाजवादी फोरम नेपाल, जेना विगत सालमे भूकम्प आएल आ क्षणमे स्वाहा क देलक तहिना ओ मधेशी जनताक भावना विपरित निर्वाचनमे भाग ल मधेश मुद्दाके धोन्हराह करबाक सम्भावना बढ़ा देलक अछि । दोसर दिश मधेशवादी ६ दल एकीकृत भ राष्टूीय जनता पार्टी नेपाल नामाकरण क क बढि़याँ संकेत देबएमे सफल त भेल मुदा, जाहि सरकारके संविधान संशोधन कराबएमे असक्षम कहि सरकारसँ समर्थन फिर्ता लेने छल ओहि सरकारके संविधान संशोधन हएत ताहि आशमे फेर समर्थन कएलक अछि कारण जेराप्रपा सरकारसँ समर्थन फिर्ता लेबाक घोषणा बिच्चहिमे क देलक । आब संविधान संशोधन हएत कि नइँ सेहो शंका करबाक पर्याप्त जगह अछि अतीतके देखैत ।
किछुए दिन पहिने नेपाली काँग्रेस, एमाले, माओवादी निर्वाचनक तैयारीके बात करैत छल त ओकर कार्यक्रमके भाँडबाक काम फोरम सेहो कएने रहए मुदा, आइ कोन एहन चमत्कार भ गेलैक जे निर्वाचनमे सहभागी होएबाक बाध्यता बुझएलैक । जहाँधरि सत्तापक्षद्वारा माङ सम्बोधनके अश्वासनक बात अछि ई कोनो नव बात नइँ आ एहिमे धोखा नइँ भेटल हुअए से कहबाक जरुरतो नइँ अछि । तहन कारण की अछि ? सत्ता स्वार्थ की बहरियाक दबाब ?
मधेशवादी दलपर उठल प्रश्न गम्भीर त अछिए संगहि आबएबला दिन चुनौतीपूर्ण सेहो अछि । अगर निर्वाचनसँ पहिने जे अडान ल क आन्दोलनमे मधेशवादी दलसब लागल छल पूरा भ गेलनि त जयजयकार हएबे करत मुदा, असफल रहल त जाहि तरहें नेपाली काँग्रेस, एमाले आ माओवादीके मधेशक जिलासँ पत्ता साफ होएबाक सम्भावना छल ओ फेरसँ जगजियार हएत ।
ओहूसँ पैघ बात अछि आबएबला दिनमे मधेशवादी दल कोन मुद्दा ल क मधेशी जनता आगा खाड़ होएत । राजनीतिक मूल धार की रहत ? ई स्वाभाविक अछि जे मधेश मुद्दाके आब कोइ दबा नइँ सकैत अछि । मुदा प्रश्न ई अछि जे एहि मुद्दाके ल क कोनो नव शक्ति आएत कि मधेशवादीए दल कोनो रणनीति अपनाएत ।
मधेशक बहुतो जिलाके ग्रामीण क्षेत्रमे मधेशवादी दलके संगठन विस्तार जाहि तरहें करबाक चाही से नइँ क सकल अछि । एहनमे सरकारी दलसभ प्रति आमजनमे रहल वितृष्णाक लाभ मधेशवादी दलके भेटबे करतै तकर सम्भावना क्षिण भ जाइछ ।
आब निर्वाचन दू चरणमे होएत ई निश्चित भ चूकल छैक । किए त पहिल चरणक निर्वाचन जे बैशाख ३१ गते होएत, ओकरा लेल उम्मेदवारी दर्ता भ चूकल । दोसर चरणके निर्वाचन जेठ ३१ गते हएत से घोषणा सरकार क चूकल अछि । दोसर चरणक निर्वाचनमे मधेश केन्द्रित जिलासब पडैÞत अछि । ताहि हेतु एखनो संविधान संशोधनके सम्भावना अछि । मुदा संविधान संशोधन होएत विश्वासक आधार कतहु नहि देखबामे आबि रहल अछि । एमाले अखनो संविधान संशोधनके विपक्षमे अछि से ओकर वक्ततव्यसभसँ बुझाइत अछि । माओवादी सरकारक मुख्य लक्ष्य छल स्थानीय निर्वाचन कराबी, ओहूमे ओ सफलताक बहुत लग करीब(करीब पहुँच चूकल अछि जँ दुनू चरणक निर्वाचन सफल भ जाए ।
मधेशी जनता एखनो मधेशवादी दलपर भरोसा रखने अछि ।तँए बुझाइत अछि जे बिना संविधान संशोधनके निर्वाचनक सम्भावना न्यून अछि । संविधान संशोधन बिना निर्वाचन भेल त मधेशवादी दल दलदलमे फँसि जाएत आ मधेशक मुद्दा फेर जहिनाके तहिना । मधेशवादी दल शंकाक घेरामेअहू दुआरे अछि जे मधेशवादी दलक संगहि सहकार्य मात्र नइँ अगुवाइ करबला फोरम निर्वाचनमे सहभागी भ चूकल अछि । आब देखबाक ई अछि जे मधेशवादी दलसभ मिल क बनल राजपा नेपाल कि करैत अछि !
शान्ति आ विकास, भ्रष्टाचार अन्त आ जनप्रतिनिधिधरि जनताक सहज पहुँचक लेल निर्वाचन आश्यक छैक । मुदा ओहिसँ पहिने जनता जे मौलिक अधिकारसँ वञ्चित कएल गेल अछि तकर सम्बोधन संविधानमे आवश्यक अछि । निर्वाचन पश्चात् विकास आ शान्ति, सुरक्षा आ रोजगारी, राजनीतिक द्वन्द्वके अन्त आ अन्तर्राष्टूीय सम्बन्धमे सुधार आनब सेहो आवश्यक अछि । नेपालक संविधान २०७२ के घोषणाक बाद द्वन्द्व समाप्त होएबाक बदला बढि़ए गेल अछि जेकर परिणाम अछि जे आइयो मधेश आन्दोलित अछि ।
अखन प्रधानन्यायाधीश सुशिला कार्की उपर महाभियोग, गृहमन्त्री के राजिनामा, मधेशवादी दलद्वारा सरकारके समर्थन आ फोरमके निर्वाचनमे सहभागी होएब, राष्टिूय प्रजातन्त्र पार्टी आ एमालेके बीच चुनावी गठबन्धन होएब आश्चर्यक बात अछि । आखिर एतएके राजनेतासब देशके कत धकेल रहल अछि ।
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