कैलास दास
स्थानीय निर्वाचन बैशाख ३१ आ जेठ ३१ गते होएबाक सरकार निर्णय कएने अछि । ताहि मध्ये आइ (रविदिन) प्रदेश नं. ३, ४ आ ६ मे शान्तिपूर्ण ढंगसँ निर्वाचन भ रहल अछि । मुदा मधेशक जिलामे ने त खुशीए अछि आ नइँ विस्माद । मधेश सहितक प्रदेश नं. १, २, ५ आ ७ मे जेठमे निर्वाचन हएत सोहो निश्चित अछि ।
ई स्थानीय निर्वाचनसँ मधेशी जनतासभके एकटा दिन आवश्य स्मरण अबैत अछि, ओ अछि ‘२०७२ आसिन ३ गते’ जाहि दिन नेपालक संविधान लागू कएल गेल आ मधेश ओकर विरोधमे ब्ल्याक आउट कएने रहए । आइ ओहि दिनके किएक मधेशक नेतृत्व करएबला दल विसरि गेल । जाहि दिन नव संविधान जारी भेल ओहि दिन देशक आधा जनसंख्या ‘दीपावली’ आ आधा जनसंख्याँ ‘कारी’ दिनके रुपमे मनोओने छल ।
ई संविधान मधेश विरोधी अछि, कहि मधेशमे बड़का आन्दोलन भेल जहिमे पाँच दर्जनसँ बेसी मधेशी सपूतके शहादत देब पड़लै । एक दिश शहादत देनिहारके संख्याँ बढ़ि रहल छल, त दोसर दिश मधेशक नेतृत्वकारी दल अपन पीठ अपने थपथपबैत रहल आ आइ निर्वाचनक तैयारीमे लागल अछि आ किछ त बैशाख ३१ ग्तेके निर्वाचनमे सहभागियो भेल अछि ! की जाहि वास्ते मधेशी सपूत अपन शहादत देलनि ओ पूरा भ गेल ? आ जओं नइँ भेल त किया मधेशवादी किछ दल निर्वाचनमे भाग लेने अछि आ किछु मौन धारण कएने !
६ दल मिल क बनल ‘राजपा’ आ संघीय समाजवादी फोरम नेपाल बीचक गठबन्धन आन्दोलन किएक ‘ब्याक’ भेल शंकाक विषय बनल अछि । निर्वाचनके मिति घोषणा संगहि मधेशवादी दल आन्दोलनके घोषणा कएने छल ओ दिन मधेशी जनता नइँ बिसरल अछि । पहिने संविधान संशोधन तकर बाद निर्वाचन, नइँ त फेरसँ आन्दोलन । मुदा आइ ‘सिंहदबार’ कोन एहन जादूके छड़ी घुमओलक जे शहीदक सपना सपने रहल सन बूझि पड़ैत अछि । आब देखबाक ई अछि जे नव गठित राजपा नेपाल जेठ ३१ ग्तेक चुनावमे यथा स्थितिमे सहभागी होइत अछि वा संविधान संशोधनक बाद । ओना अखनुक स्थितिके देखैत ई पूछब आवश्यक जे कहियाधरि मधेशी जनताके साथ ‘झिझिर कोना’ खेल होइत रहत ।
एखनो निर्वाचनके विरोध नइँ भ रहल अछि से बात नइँ अछि मुदा, विरोध केहन सेहो मधेशी जनता बूझि रहल अछि । ‘हम निर्वाचनमे भाग नइँ लेब, मुदा निर्वाचन विरोधी सेहो नइँ छी,’—राजपा नेता राजेन्द्र महतोके कहब छनि । ओना लोकतंत्रक आधारस्तम्भ निर्वाचन होइछ तहन केहन निर्वाचन, आमजनके स्वेच्छासँ वा कि पूर्व राजा ज्ञानेन्द्रक अनुशरण करैत ? मधेशवादी दल आ दलक नेताक लेल अखन अग्नि परीक्षा अछि, आब देखबाक ई अछि जे परीक्षामे सफल होइत अछि वा आत्म समर्पण करैत अछि ।
सबसँ आश्चर्यक बात त इ अछि जे आन्दोलन क्रममे लोकप्रियता कमाएवाला स्थानीय नेतासब सेहो अखन निर्वाचनक तयारीमे जूटल अछि । मधेश आन्दोलनके क्रममे अर्बो रुपैयाक क्षति सहलनि व्यापारी लोकिन ‘अधिकारे वास्ते’ । आइ व्यापारी लोकनि सेहो कुण्ठित अछि वर्तमानक अवस्थासँ । निर्वाचनक विरोधमे मधेशी जनता अछि से बात कदापि स्वीकार नइँ कएल जा सकैत अछि । मुदा मधेशवादी दल ‘सिंहदवार’मे पहुँचबाक होड़बाजीक दौड़मे अगुवाइ करबाक लेल बियाकुल बुझाइत अछि ।
रहल बात जनताक त सब सजग अछि, सचेत अछि आ भावनाक संग खेलएबलाके जबाब देबाक लेल सेहो तैयार अछि । आब जेठ ३१ गतेसँ पहिने शहादत देनिहारके सपना पूरा हएत कि सपना सपने रहि जाएत देखबाक बाँकी अछि ।
स्थानीय निर्वाचन बैशाख ३१ आ जेठ ३१ गते होएबाक सरकार निर्णय कएने अछि । ताहि मध्ये आइ (रविदिन) प्रदेश नं. ३, ४ आ ६ मे शान्तिपूर्ण ढंगसँ निर्वाचन भ रहल अछि । मुदा मधेशक जिलामे ने त खुशीए अछि आ नइँ विस्माद । मधेश सहितक प्रदेश नं. १, २, ५ आ ७ मे जेठमे निर्वाचन हएत सोहो निश्चित अछि ।
ई स्थानीय निर्वाचनसँ मधेशी जनतासभके एकटा दिन आवश्य स्मरण अबैत अछि, ओ अछि ‘२०७२ आसिन ३ गते’ जाहि दिन नेपालक संविधान लागू कएल गेल आ मधेश ओकर विरोधमे ब्ल्याक आउट कएने रहए । आइ ओहि दिनके किएक मधेशक नेतृत्व करएबला दल विसरि गेल । जाहि दिन नव संविधान जारी भेल ओहि दिन देशक आधा जनसंख्या ‘दीपावली’ आ आधा जनसंख्याँ ‘कारी’ दिनके रुपमे मनोओने छल ।
ई संविधान मधेश विरोधी अछि, कहि मधेशमे बड़का आन्दोलन भेल जहिमे पाँच दर्जनसँ बेसी मधेशी सपूतके शहादत देब पड़लै । एक दिश शहादत देनिहारके संख्याँ बढ़ि रहल छल, त दोसर दिश मधेशक नेतृत्वकारी दल अपन पीठ अपने थपथपबैत रहल आ आइ निर्वाचनक तैयारीमे लागल अछि आ किछ त बैशाख ३१ ग्तेके निर्वाचनमे सहभागियो भेल अछि ! की जाहि वास्ते मधेशी सपूत अपन शहादत देलनि ओ पूरा भ गेल ? आ जओं नइँ भेल त किया मधेशवादी किछ दल निर्वाचनमे भाग लेने अछि आ किछु मौन धारण कएने !
६ दल मिल क बनल ‘राजपा’ आ संघीय समाजवादी फोरम नेपाल बीचक गठबन्धन आन्दोलन किएक ‘ब्याक’ भेल शंकाक विषय बनल अछि । निर्वाचनके मिति घोषणा संगहि मधेशवादी दल आन्दोलनके घोषणा कएने छल ओ दिन मधेशी जनता नइँ बिसरल अछि । पहिने संविधान संशोधन तकर बाद निर्वाचन, नइँ त फेरसँ आन्दोलन । मुदा आइ ‘सिंहदबार’ कोन एहन जादूके छड़ी घुमओलक जे शहीदक सपना सपने रहल सन बूझि पड़ैत अछि । आब देखबाक ई अछि जे नव गठित राजपा नेपाल जेठ ३१ ग्तेक चुनावमे यथा स्थितिमे सहभागी होइत अछि वा संविधान संशोधनक बाद । ओना अखनुक स्थितिके देखैत ई पूछब आवश्यक जे कहियाधरि मधेशी जनताके साथ ‘झिझिर कोना’ खेल होइत रहत ।
एखनो निर्वाचनके विरोध नइँ भ रहल अछि से बात नइँ अछि मुदा, विरोध केहन सेहो मधेशी जनता बूझि रहल अछि । ‘हम निर्वाचनमे भाग नइँ लेब, मुदा निर्वाचन विरोधी सेहो नइँ छी,’—राजपा नेता राजेन्द्र महतोके कहब छनि । ओना लोकतंत्रक आधारस्तम्भ निर्वाचन होइछ तहन केहन निर्वाचन, आमजनके स्वेच्छासँ वा कि पूर्व राजा ज्ञानेन्द्रक अनुशरण करैत ? मधेशवादी दल आ दलक नेताक लेल अखन अग्नि परीक्षा अछि, आब देखबाक ई अछि जे परीक्षामे सफल होइत अछि वा आत्म समर्पण करैत अछि ।
सबसँ आश्चर्यक बात त इ अछि जे आन्दोलन क्रममे लोकप्रियता कमाएवाला स्थानीय नेतासब सेहो अखन निर्वाचनक तयारीमे जूटल अछि । मधेश आन्दोलनके क्रममे अर्बो रुपैयाक क्षति सहलनि व्यापारी लोकिन ‘अधिकारे वास्ते’ । आइ व्यापारी लोकनि सेहो कुण्ठित अछि वर्तमानक अवस्थासँ । निर्वाचनक विरोधमे मधेशी जनता अछि से बात कदापि स्वीकार नइँ कएल जा सकैत अछि । मुदा मधेशवादी दल ‘सिंहदवार’मे पहुँचबाक होड़बाजीक दौड़मे अगुवाइ करबाक लेल बियाकुल बुझाइत अछि ।
रहल बात जनताक त सब सजग अछि, सचेत अछि आ भावनाक संग खेलएबलाके जबाब देबाक लेल सेहो तैयार अछि । आब जेठ ३१ गतेसँ पहिने शहादत देनिहारके सपना पूरा हएत कि सपना सपने रहि जाएत देखबाक बाँकी अछि ।
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