Sunday, May 14, 2017

पान बेचि क डाक्टर—इन्जिनियर

कैलास दास
एकटा साधारण पान दोकान खोलि क घर निर्माण आ बेटाबेटीके वियाह मात्र नइँ डाक्टर आ इन्जिनियर बनौलक से बात सूनि क आश्चर्य लागि सकैत अछि । कियाक त सबसँ कम पूँजीमे पान आ चाहक दोकान मात्र सम्भव होइत अछि । मुदा ओहिके कमाइसँ धीयापूताकेँ उच्च शिक्षा देब, घर बनाएब, बियाहदान करब सन काजक बारेमे सूनि ककरो आश्चर्य लगनाइ स्वाभाविके अछि मुदा, बात सोलहो आना सत्य अछि ।


जनकपुर उपमहानगरपालिका वडा नं. २ रहनिहार कैलाश साह एकटा साधारण पान दोकान खोलि क जनकपुरधाम बासीके लेल प्रेरणाक श्रोत भ सकैत अछि । एकटा कहबी अछि, काज कठिन भ सकैछ मुदा, असम्भव नइँ । ओकर एकटा उदाहरण छथि जनकपुरधामक ५५ वर्षीय कैलाश साह ।
ओ करीब ३५ वर्षसँ जनकपुरधाममे पान बेचबाक काज करैत आबि रहल छथि । पाँचसँ २० वर्षके उमेर पढ़बाक–लिखबाक होइत अछि मुदा, जखन कैलाशक पढ़–लिखएके उमेर रहैक ओहि समय हुनका नोकरी कर पड़लनि आ तहिएसँ ओ पान बेच लगलाह । घरक आर्थिक अवस्था कमजोर भेलाक कारण ओ स्वयं त नइँ पढ़ि सकलाह मुदा, अपन बालबच्चाके जे उच्च शिक्षा देलनि अछि ओ एहि सामाजक लेल एकटा उदाहरण अछि ।
सरकारी नोकरी करएबला हुअए वा व्यापारी आ कि कृषक सबके अपन बाल–बच्चाके डाक्टर, इन्जिनियर बनाबएमे कठिन काज मात्र नइँ असम्भव बुझाइत रहैत अछि ओहि ठाम अपन संघर्षक बलपर छोटछिन पान दोकान खोलि क कैलाश साह एकटा बेटाके डाक्टर आ दोसर बेटाके इन्जिनियर बनाबएमे सफल भेल छथि ।
साहके चारि टा धीयापूता मध्ये दू टा बेटा आ दू टा बेटी अछि । ओ अपन दुनू बेटीके एम.बी.एस. करओलनि । एक टा बेटीके वियाह सेहो क चूकल छथि ।
साहक जेठ बेटा संजय कुमार साह डक्टर छथि आ ओ विराटनगर स्थित नोवेल होस्पिटलमे कार्यरत छथि आ ओहिसँ छोट बेटा अजय कुमार साह इन्जिनियर छथि जे अखन भूकम्प पीडितसभक क्षेत्रमे कार्यरत छथि ।
मिथिलाञ्चल क्षेत्रमे देहज लेबाक परम्परा अछि । मुदा कैलाश साह ओ परम्परा तोडबाक लेल अपन जेठ पूत्र संजय साहके डाक्टर बनओलाक बादो आदर्श बियाह सुनिश्चित क चूकल छथि से जानकारी देलनि अछि ।
अपन बालबच्चाके एहि स्तरके बनओलाक बादो एखनधरि ओ भोरे ८ बजेसँ राति १० बजेधरि पान दोकान चलबैत छथि ।

हुनक निक व्यवहारक कारणे मात्र नइँ बढ़ियाँ पानक लेल सेहो हुनक पान दोकानपर भीड़ लागल रहैत छैक । कुशल आ सक्षम व्यापारी ओ अखनो पहिनहि जेकाँ ग्राहक संग व्यवहार करैत छथि । नम्र व्यवहारा आ कम बजनिहार कैलाश साह अपन परिवारक लेल सफल अभिभावक मात्र नइँ एहि सामाजक लेल संघर्ष करबाक प्रेरणाक श्रोत छथि ।

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