Monday, May 22, 2017

सतुवा बेचि क १३ व्यक्ति के गुजर

कैलास दास
एकटा ठेला आ ओहिपर बेसीसँ बेसी पाँच हजारक पूजीमे सुतवा । ओना ई कोनो बड़का बात नइँ अछि । गर्मीके समयमे जत–तत सतुवाके दोकान भेटैत अछि । मुदा एकटा एहन व्यक्ति जे सतुवाके दोकान क १३ व्यक्तिक परिवार मात्र नइँ चारिटा धीयापूताके वियाह सेहो कएने अछि, जाहिमे २० लाखसँ बेसी खर्च भेल अछि ।
एकटा छोट व्यापारसँ एतेक बड़का काज सहज नइँ अछि । गर्मीके मौसममे ‘सतुवा’ आ जाढ़क समयमे ‘चिनिया बदाम’ बेचि क अपनसभ धीयापूताकेँ १२ धरि सेहो पढ़ौने बात सूनि क आश्चर्य अवश्य हएत मुदा, जनकपुरधामेके एकटा एहन व्यक्ति अछि जे पढ़ा–लिखा क चारिटा धीयापूताके वियाह सेहो कएने छथि ।
जनकपुर उपमहानगरपालिका वार्ड नं. १३ रहनिहार लक्ष्मण साह आ लालबाबु साह २७ वर्षसँ ठेलापर सतुवा बेचैत आबि रहल छथि । ओना किछुए वर्ष पहिने दुनू भाइ भिन (अलग) भ चूकल छथि । ओ दुनू भाइ अपने नइँ पढल–लीखल होइतो अपन बच्चाके शिक्षित बनाबएमे सफल छथि ।
लक्ष्मण साह कहैत छथि — ‘हम २७ वर्षसँ ‘सतुवा’ आ ‘चिनिया बदाम’ बेचैत आबि रहल छी । दोकान त हमर पहिने जेहन छल एखनो ओहने अछि मुदा, धीयापूताके पढ़ालिखा क वियाह सेहो क अपन व्यापारसँ खुश छी । दू टा लड़का आ एकटा लड़की हमरा अछि, त बड़का भैयाके चारि टा लड़की आ  दू टा लड़का अछि । भैयाके चारि टा हमर एकटा लड़कीके वियाह भ चूकल जाहिमे करीब २० लाखसँ बेसी खर्च भेल अछि । ’
ओ आगा कहैत छथि — पाँच भइ मध्ये हम आ लालबाबु भैया संगहि सतुवा बेचैत छली । ओहि दोकानसँ एखनधरि ८ टा धीयापूताके पढ़ा–लिखाके पएरपर खड़ा क देने छी । गरीवीक कारणे हमसभ त नइँ पढिलिख सकली मुदा अपन धीयापूताके शिक्षित बना देने छी । आब एकटा मात्र चिन्ता अछि जे कोनो बेटाके सरकारी नोकरी भेट जाइत हम अपनाके सफल बूझिती ।
लक्ष्मण साह एखनो भोर पाँच बजेसँ साँझ ६ बजेधरि रामानन्द चौकमे सतुवा बेचि रहल अछि । हम सतुवा बेचि क एतेक क देली मुदा आब धीयापूताके नोकरी नइँ भेटत त कोनो व्यापारेमे लगाएब हुनक कहब छनि । २७ वर्ष पहिने एक गिलास सतुवा बेचि क मुश्किलसँ डेढ़ रुपैया अबैत छल, एखन २५ रुपैयामे बेचि रहल छी । एखनो दिनके एक हजारसँ डेढ़ हजार रुपैया सतुवा बेचि क कमा लैत छी ओ कहैत छथि ।
निक स्वभाव आ पुरान दोकान भेलाक कारणे एखनो सभसँ बेसी रामानन्द चौकपर हुनके सतुवाक दोकान चलैत अछि से स्थानीयवासीके कहब छैक । जे हुअए मुदा छोटछिन व्यापारसँ अपन परिवारके शिक्षित बनाबएमे लक्ष्मण साह सफल रहल स्थानीय सभक कहब छनि ।

No comments:

Post a Comment