Thursday, January 1, 2015

‘अश्व मेघ के समान’


कैलास दास

जनकपुर, जानकी की जन्मभूमी
देवलोक के वरदान है
इससे अच्छा ज्ञान भूमि
और कोई नही ठाम है ।

मठ–मन्दिर और ताल सरोवर
यहाँ की पहिचान है
जिसका दर्शन हो जाने से
अश्व मेघ फल के समान है ।

रखवारी में भोला बाबा
चारे ओर विराजमान
सभी पापो का पापमोचनी
यह जनकपुर धाम है
जिसका दर्शन हो जाने से
अश्व मेघ फल के समान है ।

५२ विघा, रंगभूमी, मणिमण्डप यही ठाम है
शिव धनुष का टुकरा गिरा
यहाँ पर ही धनुषाधाम है
जिसका दर्शन हो जाने से
अश्व मेघ फल के समान है ।

यहाँ की धर्ती के गर्भ से
लक्ष्मी स्वरुपा वैदेही प्रकट हुयी है
राम–सीता के वैवाहिक स्थल यही धाम है
जिसका दर्शन हो जाने से
अश्व मेघ फल के समान है ।

ऋषिमुनि का तपोभूमी
देवतागण के प्रिय स्थान है
आदर्श नारी सीता के यह गाम है
जिसका दर्शन हो जाने से
अश्व मेघ फल के समान है ।

गंंगा सागर, धनुषसागर
अनेको नदी–सागर और तलाव है
गंगा आरती नित्य होबे
मोक्ष प्राप्ति की यह स्थान है
जिसका दर्शन हो जाने से
अश्व मेघ के समान है ।
कैलास दास
मितिः २०७१ पुस ८ गते

No comments:

Post a Comment